ईश्वर की दुनिया ही अनोखी हैं। प्रेममय ईश्वर सृष्टि में इसे हरदम स्थापित करना चाहते होंगे। युगों से मनुष्य की उडान प्रेम शक्ति से ही बहतरीन रही हैं। नफरत हिंसा और डर से विश्व में असुरक्षा-असुविधा ही फैलती है।
ईश्वर को ये कभी पसंद होगा क्या ?? ईश्वर की दी गई शक्ति का योग्य इस्तेमाल न करना भी उनके साथ किया गया द्रोह ही कहलाएगा। सभी मनुष्य को कोई न कोई उडान भरनी हैं, किसी क्षेत्र में सफलता हासिल करनी है। जिसके दिलोदिमाग मेंं ये बात अंकित हो गई वो अपने प्रयासों से थकान महसूस नहीं करेगा। वो निरंतरता को अपना साथी बना देता है। ओर ये सातत्य के कारण वो सफल होता हैं। जीवन जीवित हैं और जीवंत हैं, उसमें काफी भेद है। जीवन को जीवंत बनाने के लिए सतत प्रेम की आवश्यकता होगी। ईश्वर स्वयं प्रेम हैं। उसी शक्ति के जरिए हमें भी प्रेम ही सिखाना हैं। इसकी अनुभूति के लिए ईश्वर की बनाई हर चिज को पूरे ममत्व से महसूस करते रहना होगा। प्रकृति में ये प्रेम संभावनाएँ भरी हुई हैं। ईश्वर ने खुद ये उत्कृष्ट सृजन हमारे हरपल के संगाथ को कायम करने के लिए किया है। ईश्वरीय दुनिया ही मानवमन को जीवंतता प्रदान करने हेतु प्रेरित हैं।
हमें आनंदविश्व की सहलगाह को प्रेममय बनना है। संयोग है कि हम मनुष्य के रूप में ये कर सकते हैं। ईश्वर की ही करामाती से अपनी उडान मेंं कुछ अनोखे रंग भर सकते हैं। ईश्वर की रंगत मे कमी नहीं है, हमें उन रंगों का दृश्य भाव हमारे भीतर आकारित करना है। ईश्वर की रंगत का संयोजन बनकर हम आनंद विश्व की सहलगाह को नए रंगों से भर देंगे…. आपके साथ उडान के लिए मैं..भी तैयार हूँ। डॉ.ब्रजेश 💐 9428312234