HELLO FRIENDS….THE SPRING IS COME.
The Nature teach to us every time and every where !!
प्रकृति को जी जान से महसूस करने की ऋतु… वसंत !!
आनंद विश्व सहेलगाह अनोखे विचार संजोए आपके मन-मस्तिष्क और हृदय को आनंदक्षण देने को प्रयत्नवंत हैं। मैं मेरा प्रकृतिगत कार्य कर रहा हूँ इससे मुझे आनंद मिलता हैं। मैं आनंदमन को शब्दांकित- विचारांकित करके बांटने का कर्म करता हूँ। संवेदन से भरें विश्व में किसी न किसी को विचार से आनंद महसूस हो !!
वसंत छा जाने को तैयार हैं। संसार को नयेपन से संवृत करने..! प्रकृति की क्रियाशीलता से हम अवगत हैं। महान ईश्वर की सृष्टि में हम कुछ भी बदलाव नहीं कर सकते। उसे महसूस करना हमारें बस में हैं। प्रकृति के सामने बेबस नहीं बेधडक बनना चाहिए। ईश्वर की प्रकृतिगत सब करामात मेरे लिए ही हैं। तब वसंत की खुशबु…वसंत के रंग… वसंत की मदहोशी महसूस हो सकती हैं।
वृक्ष की डाल पर ही वसंत की आहट नहीं हैं। धरती पर बहतें पवन में, सूरज की किरनों में, निरव रात की शीतलता में, फूलों की मादक खुशबों में, समग्र प्राणियों के भीतर बहते उत्साह में…!! नयेपन से धरती को तरबतर करने नियंता की उत्कृष्टता का उत्सव ही वसंत हैं। गीताकार योगेश्वर कहते हैं…अहं ऋतुनां कुसुमाकर:।। 35।। (भ.गीता.अध्याय१० विभूतियोग) स्वयं प्रेममय ईश्वर वसंत स्वरूप हैं। इसकी जानकारी एक बात हैं लेकिन प्रेमबीज को अंकुरित करने वाली वसंत की अनुभूति ही मूलतः ईश्वरीय कमाल हैं।
मनुष्य के रुप में अनहद आनंद में जीने का एकमात्र तरीका का प्रेम ही हैं। वसंत जीवंत प्रेम की ऋतु हैं। वसंत पारस्परिक सख्य की ऋतु हैं। वसंत मादक खुशबू की ऋतु हैं। वसंत नयेपन की बधाई हैं। वसंत उन्माद हैं। वसंत उजाश हैं, वसंत नया करने की उम्मीद हैं। वसंत नये सपनों को आकार देने वाली प्रेरणा हैं। वसंत जीने का तरीका सिखाने वाली शिक्षा हैं। वसंत जीवन हैं, वसंत प्रेममय ह्रदय की धडकन हैं।
बस बहुत हो गया क्योंकि वसंत पढने से ज्यादा महसूसी हैं,मदहोशी हैं..! आनंदविश्व सहेलगाह में एक विचार-वसंतोत्सव !!
HAPPY SPRING….by your ThoughtBird.
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Gandhinagar, Gujarat
INDIA .09428312234
dr.brij59@gmail.com
वसंत है तो हम दोस्त हैं।
ખૂબ સરસ