।। श्रीराम दूतं शरणं प्रपध्ये ।।
THE HANUMANJI is unbelievable force of universe.
He is live… He is here and there. He is Everywhere.
He is always with me and you.
सारे विश्व में शक्ति का महापूंज होने के बावजूद सरलता- सहजता का भी महापूंज हनुमानजी ही हैं। इसीलिए महाबली की व्याख्या ही हनुमान से शुरु होती हैं। जो बलिष्ठ हैं वो समर्पित भी होगा। समष्टि के कल्याण में उसका समर्पण भी लाजवाब ही होगा। उनकी दृष्टि भी और प्रज्ञा भी इतनी ही परिणित होगी। हमारे दादा राम के दासत्व को इसी कारण स्वीकारते हैं।ओर राममय बनने का इससे बेहतर रास्ता भी नहीं हैं।
रामजी के जीवन की हर क्षण के साथ जुडने का एक भी अवसर दादा ने नहीं छोड़ा हैं। रामजी के साथ हरपल सुख-दुःख में दादा अनुस्यूत रहे हैं। माता सीताजी की खोज में समुद्र को लांघना हो या भैया लक्ष्मणजी की मूर्छा हटाने संजीवनी लेने पूरे सुमेरु पर्वत को उठा लेने की बात हो…! दादाजी ने ये सारें काम बडी सहजता से किए हैं। बलिष्ठ होने के बावजूद दादा को राम के कार्य में इतना आनंद था कि उन्हें कभी अपनी शक्ति का अहसास नहीं था। शायद इसीलिए झांबुवनजी दादा को अपनी शक्ति याद दिलाते हैं। अपने स्व का संपूर्ण स्वाहा यानी हमारे दादा..हनुमानदादा..!!
महान ईश्वर की अद्भुत सृष्टि में ऐसे चरित्र हमारे मार्गदर्शन के लिए ही अवतरित होते हैं। मनुष्य के रूप में हम उनके प्राकट्य को बडी शान से मनायें… अपने हृदय के उत्कृष्ट भाव से मनायें… आज मेरे दादा का जन्म दिन हैं। आज चैत्र सुद पूर्णिमा हैं आज सारे संसार के अजर-अमर दादाजी का प्राकट्य दिन हैं। दादा हमारे साथ हैं…कहीं न कहीं हमारी बातें सुनने, हमारे साथ हैं… हमें भी सक्षम बनाने। अपने अपने भीतर के राम का दासत्व स्वीकार करके हमको भी बलिष्ठ-बुद्धिष्ट बनाने के लिए दादाजी हमारे साथ-साथ हैं। दादाजी सामीप्य से हमारी आनंदविश्व सहेलगाह को भरपूर करें।
आपका ThoughtBird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav.
Gandhinagar,Gujarat,
INDIA
dr.brij59@gmail.com
09428312234
Good article.
Khub saras.
Akdam sachu lakhyu.
Jay hanuman dada