The Bhimrao is strength of suffering.
डॉ.बाबासाहब आंबेडकर पीडा में से खड़ी हुई ताकत हैं।
विश्व को अचंभित कर नए अध्याय का निर्माण करना असंभव हैं। उनके लिए जिसका स्वीकार ही नहीं। असमान विचित्र सामाजिक दृष्टि को झेल कर कोई अपने अस्तित्व को युगों तक कायम करता हैं। मनुष्य का मनुष्य के द्वारा अपमानित करना। जन्म के आधार पर मनुष्य की हलकटता स्थापित करने की बौद्धिकता से ईश्वर खुश होंगे क्या ? डॉ.बाबासाहब आंबेडकर इस असंभवता के पर्वत को अपने निजी संघर्ष से लांघकर अपने खुद के व्यक्तित्व परचम को लेहरा गए।
डॉ.बाबासाहब जन्म से ही असमर्थता से घिरे हुए थे। कुछ करने, कुछ बनने की सोच कायम करना भी उस समय के सामाजिक ढांचे के खिलाफ था। फिर भी प्रकृति की विजय कहो या ईश्वरीय सिद्धांत की जीत कहो। एक व्यक्तित्व को निखार मिलता गया। ईस मेधावी चरित्र के परिवृत असमर्थता के पंथ को सक्षम समर्थ बनना ही पडा।
समाज की दृष्टि से सामान्य व्यक्तित्व असामान्य मार्ग पर चल पडा..! ज्ञान की अखंड-अविरत-अविश्रान्त कर्म साधना शुरू हुई… भीमराव अमेरिका और ईग्लेंड में अर्थशास्त्र व कानून का अथक अभ्यास करते हैं। डाँ.बाबासाहब आंबेडकर दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, मानव विज्ञान, समाजशास्त्र एवं ईतिहास के भी ज्ञाता थे। उन्होंने विश्व के सभी धर्मों का भी गहन अभ्यास किया था। विश्व में उनका स्वीकार इसके कारण ही सहज हुआ हैं।
उनकी सबसे पसंदीदा पुस्तको में
Life of Tolstoy by Romain Rolland.
Les miserables by Victor Hugo
Far from the madding crowd by Thomas Hardy.
Life of Tolstoy by Romain Rolland.
Les miserables by Victor Hugo
Far from the madding crowd by Thomas Hardy.
विश्व के नृवंसशास्त्र के गहन अध्ययन से बाबासाहब की प्रज्ञा अद्भुत परिमाण को लेकर स्पष्ट होती गई थी। विश्व को अचंभित करने वाली एक वैचारिक आधारभूतता डॉ.बाबासाहब के नाम से गूंज उठी। उस गूंज का प्रमाण हैं…! अमेरिका की प्रसिद्ध युनिवर्सिटी कोलंबिया में स्थापित “सिम्बोल ओफ नॉलेज” का सम्मान हैं।
डॉ.बाबासाहब आंबेडकर सेन्सेटिव पर्सनालिटी के धनी थे। संवेदना से भरें इन्सान होने के कारण उनमें अकल्पनीय राष्ट्र अनुबंध था। उन्होंने अपने निजी संघर्ष को कायम ईग्नोर करके सिर्फ एज्युकेशन पर ही फोकस किया। राष्ट्र विकास की पारस्परिक समानता-समता और बंधुता की नींव रखने वाले निर्माता बाबासाहब थे।
आनंदविश्व सहेलगाह में आज डॉ.बाबासाहब के जन्म दिन की बात सेल्युट से 🫡 रखता हूँ और अपनी कृतज्ञता प्रकट करता हूँ। संवेदना-पुरुष,संघर्ष-पुरुष डॉ.बाबासाहब से हमें प्रेरित होना है कि Inculcate self confidence.
आत्मविश्वास को मन में ठाम लो.. कुछ ठान लो। डॉ.बाबासाहब आंबेडकर Message of Inspiration के अजर-अमर चैतन्य स्तंभ हैं।
Your ThoughtBird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav✍️
Gandhinagar, Gujarat
INDIA.
dr.brij59@gmail.com
09428312234.
It's really good thought 👏 👍 👌
👌🙏
👌
👌
👌
Very good dada