The Buddha is clearity, confidence and consciousness.
बुद्ध क्या हैं…?
बुद्ध निर्मलता हैं…! बुद्ध आत्मविश्वास व श्रद्धा हैं…! बुद्ध चैतन्य या आंतर प्रतिति हैं !!
ईसापूर्व 563 में नेपाल के लूंबिनी में भगवान बुद्ध का अवतरण हुआ। उनके जीवन की कईं बातों से सब अवगत हैं। माहिती से बच कर थोडा बहुत चिंतन आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर अक्षरांकित करता हूँ। एक वाहक के रुप में मैं अपनी थोडी सी बात-छोटी सी बात रखता हूँ। विश्व को मार्गदर्शन करनेवाले भगवान बुद्ध की विचार सहेलगाह में आपका स्वागत करते हुए बुद्ध पूर्णिमा की शुभेच्छा..!! बुद्धि को विकसित करने वाली प्राकृतिक घटना के साथ !!
भगवान बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग यानि सम्यक मार्ग में मनुष्य जीवन का आनंद समाहित हैं। मनुष्य जीवन के योग्यतम दिशा निर्देश यहाँ स्पष्ट हैं। बुद्ध त्याग तपस्व और प्रेम के बीज रूप हैं। जहाँ इसका अनुसरण होगा वहाँ शांति का साम्राज्य स्थापित होगा। विश्व की समस्याओं का समाधान भी दृश्यमान होगा।
🌎 सम्यक दृष्टि
🌍सम्यक संकल्प
🌎सम्यक वाणी
🌎सम्यक कर्मान्त
🌍सम्यक आजीविका
🌏सम्यक व्यायाम
🌎सम्यक स्मृति
🌎सम्यक समाधि
भगवान बुद्ध सम्यक दृष्टि के उच्चतम शिखर हैं। “स्व” पर विजय प्राप्त करने की बात बुद्ध ने बताई हैं। ईसके द्वारा जीवन करुणा दृष्टि विकसित करने की यात्रा बन जाता हैं। अपना मन ही सर्वस्व हैं, हम जो विचार करते हैं वो बनते हैं। जीवन की यात्रा में विचार ही हमारा मार्ग तय करता हैं। और जीवन की सम्यक गति भी इससे ही विकसित होती हैं।
बौद्ध धर्म में “बोधिसत्व” का विचार अनुसरण हैं। जो व्यक्ति बुद्ध बनने का सतत प्रयास करता हैं वो बोधिसत्व हैं। अनुभूत हो कर सतत सिखते रहना ही तो जीवन हैं। हम कभी सिखने की बात से दूर नहीं रह सकते हैं। हम स्विकार करें या न करें सिखने की अद्भुत प्राकृतिक पक्रिया के यात्री हैं। भगवान बुद्ध ने इस सम्यक मार्ग के अनुसरण का उपदेश दिया हैं। अपने शिष्यगण को सहज प्रतिबिंबित दृष्टि से अवगत करके समाज में स्थापित करते बुद्धदेव ने ” धीरज और ध्यान ” का सम्माननीय मार्ग दिखाया हैं। समज पूर्वक के प्रेम से सबका समाधान भगवान बुद्ध बने हैं। विश्व को त्याग तपस्व पंथ से करुणामय बनाया हैं। चित्त का चैतन्य निर्माण करने का सामर्थ्य बुद्ध में हैं। सम्यक दृष्टि के कारण मैं भी बिचार शृंखला आगे बढाता हूँ।
शांत मन एवं शांत गति से जीवन को सम्यक बनाने का आनंदमार्ग भगवान बुद्ध ने स्वयं प्रेरित किया हैं। साथ ही अनुभूत जीवनशैली से सहज जीवन व्यापन का ” करुणामार्ग ” बुद्ध ने दिखाया हैं। विश्व को सम्यक जीवन दृष्टि का मार्गदर्शन करने वाले भगवान बुद्ध के अवतरण दिन की शुभकामना के साथ….सम्यक मार्ग की और….करुणा के उच्चतम पंथ की और….!!आनंद विश्व सहेलगाह का प्रयास भगवान बुद्ध के चरणों में समर्पित करता हूँ। “अप्पो दीप भव:” की अद्भुत स्वाभिमान बात बुद्ध ही कर सकते हैं।ईसीलिए सम्राट अशोक भी शरणं शरण में आ सकते हैं। बुद्ध ही वो चैतन्य हैं जो समत्व और एकत्व की बात रखकर चमत्कार कर सके…!!
Your ThoughtBird 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav.✍️
Gandhinagar.
Gujarat. INDIA
dr.brij59@gmail.com
09428312234.
Very true