THE BISMARCK OF INDIA.

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दृढ मनोबल और समर्पण की अडिग शख्सियत…!

मा.सरदार वल्लभभाई पटेल

जीवन को कठोरतम आदर्शो से अडिग घाट देना साथ इतनी ही कोमलता से पू.बापू के स्वतंत्रता आंदोलन में समर्पित हो जाना दो अलग घटनाक्रम होने के बावजूद असहज हैं। अपनी प्रखरता को सरलता में ढालना असामान्य हैं। अपनी दृढता को दूसरें के हवाले करके सैनिकत्व को धारण करना मुमकिन लगता हैं क्या ?! नहीं लगता लेकिन जब एक ही मार्ग, एक ही दिशा और कर्तृत्व का आनंद साथ हो तो सब कुछ मुमकिन हैं।

The Bismarck


सरदार वल्लभभाई पटेल यानि संकल्प ! राष्ट्र ही राष्ट्र की परिकल्पना को  जीवन की हरेक सांस से झोड देना अकल्पनीय हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल कठोलता की अद्भुत मिसाल हैं। उन्होंने अपने वैयक्तिक जीवन को बडी तपस्या से एक उत्कृष्ट आकार दिया हैं। “लोहपुरुष” की वज्रता धारण करके एक चरित्र को आकार दिया हैं। फिर भी दूसरों के लिए शालीनता पूर्ण विचार-वर्तन पू.सरदार पटेल की अद्भुत जीवन प्रणाली थी। “अपना कर्म राष्ट्र की सेवा” उनका जीवनमंत्र हैं। बापू के साथ वैचारिक एकत्व करते-करते अपने मूलभूत स्वभाव को बदलते- बदलते राष्ट्र की उन्नति में  जीवन का हरेक श्वास कर दिया।

गुजरात के एक छोटे से शहर में पैदा होकर पूरे भारत के लिए… भारत की अखंडता के लिए सपनें सजाएं और पूरा जीवन भारत मां को समर्पित कर दिया। अपने परिवार की परवाह किए बिना राष्ट्र हित को सर्वोपरी माना हैं।
अपने पुत्र और पुत्री को दमदार तरीके से जीना सिखाया। राष्ट्र कार्य  हमारा संस्कार हैं। हम राष्ट्र के लिए हैं। हमारी जरुरतें जीवनयापन के लिए ही हैं, हम जीवन गुजारा नहीं करते…जीवन फक्र से जीते हैं। बाकी सादगी में भी दहाडना भी चूके नहीं हैं। किसान और संघर्ष-पुरुषों की आगवानी करना, अंग्रेज को करारा जवाब देना सरदार की अद्भुत जीवनशक्ति थी। पू.बापू के विचार को स्थापित करना प्रसारित करना उनके जीवन की गति थी।


स्वतंत्रता आंदोलन के पश्चात भारत के विभिन्न रजवाड़ों का विलीनिकरण करना सरल-सहज नहीं था। अपनी कुनेह से तेजोमय प्रतिभा से ये कर दिखलाया। गुजरात के जूनागढ़ का नवाब शाहनवाज भुट्टो के दबाव में अपना राज्य पाकिस्तान में विलीन करना चाहता था। राज्य की बहुल प्रजा हिन्दु थी।  सरदारकी आगवाहीमें भारतीय सेना ने जूनागढ  प्रवेश किया “आरझीहकूमत” का दमदार प्रकरण सरदार जी के नाम हैं। हैदराबाद के नवाब की मनमानी भी न चली…आखिर भारत का अखंड आकार निर्मित हुआ। जिसमें लोकशाशन स्थापित हुआ।

आज पू. सरदारजी का जन्मदिन हैं। उनकी दूरदर्शिता एवं कार्य के प्रति जागरूकता से कई कार्य संपन्न हुए हैं। राष्ट्र उनका हरहंमेश ऋणी रहेगा।
भारत के बिस्मार्क सरदार वल्लभभाई को कोटी कोटी वंदन !!

आपका ThoughtBird.🐣

Dr.Brijeshkumar Chandrarav

Gandhinagar, Gujarat.

INDIA

dr.brij59@gmail.com

09428312234


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One thought on “THE BISMARCK OF INDIA.

  1. It's a such inspire story for new generation…