The glow of inner light this is navaratri.
आंतरिक प्रकाश की चमक यही है नवरात्रि।
विश्व का सबसे लंबा उत्सव नवरात्रि। संगीत और प्रकाश से रंगारंग हैं नवरात्र। नृत्य कला का बेहतरीन उत्सव। उमंग और उत्साह से भरा भक्तिमय माहोल, पूरे भारत में मनाया जाने वाला दैवीय उत्सव नवरात्र हैं। पूजा, आराधन, तप-तपस्या का सबडे बडा उत्सव है ये..!
आज क्या बदल गया ? उसके बारें में लिखने में कोई दिलचस्पी नहीं हैं। लेकिन नवरात्र के नौ दिनों में पूजा स्थल में रखे जानेवाले मिट्टी के मटकों का मुझे ज्यादा आकर्षण रहा हैं। उस मटके में जगह-जगह छिद्र किए हुए होते हैं। उसका पौराणिक नाम ‘गर्भदीप’ हैं। हम जानते हैं कि उस मटके के भीतर एक दीप जलाया जाता था। रात के अंधेरे में जब छिद्र में से प्रकाश की किरनें दिखाई देती थी, वो नजारा ही खुबसूरत था। वैयक्तिक रुप से मेरे सबसे अच्छे आकर्षणों में ‘गर्भदीप’ सबसे उपर हैं।
कितना सुंदर उत्सव हैं..! भीतर तेज का प्रगटन करना हैं। हमारा शरीर जैसे एक मिट्टी का घडा हैं। उसमें आत्मा तेज स्वरुप हैं। छिद्र शायद हमारी ज्ञानेन्द्रियों है, उससे हमारी क्रांति दिखाई पडती हैं, हमारी आभा प्रकट होती हैं। ये हमारी मानवीय संवेदन की विरासत हैं। नवरात्र प्रगट होने की शानदार रात्रिओं का उत्सव हैं। हमारी भागदौड भरी जिंदगी में ये सूकून से भीतर को समझने का उत्सव हैं। नौ दिन कुछ नया सोचना हैं। भीतर की आवाज को सुनना हैं। एक नई समझ को प्रदीप्त करना हैं। भीतरी प्रकाश को प्रज्वलित करना हैं। ये माँ दूर्गा की कृपा प्राप्ति करने का उत्सव हैं। शक्ति प्राप्त करने के लिए थोडे बहुत शांत और धीर बनने का अवसर हैं। नवरात्री जीवन उत्सव हैं। सालभर की उर्जा का प्रकटन करने का उत्सव हैं। इसे हम आध्यात्म कह सकते हैं। पूजा ब आराधना कह सकते हैं। तांत्रिक एवं कर्मकांड की बात में नहीं पडता हूँ। वो अपनी-अपनी सोच पर निर्भर हैं। इसके लाभ-अलाभ की बात भी नहीं करता, ये एक अलग विषय हैं।
अंतःकरण की खुशी और जागृतता की बात करता हूं। वैसे तो एक छोटे से दीपक की क्रांति बेशुमार होती हैं। सूरज गैरमौजूदगी में उनका प्रयास लाजवाब होता हैं। इसीलिए स्वाभाविक रुपसे दीपक पर प्यार उमडता हैं। नवरात्र हमारें भीतर के दीप की आभा को निखारने का उत्सव हैं।
नवरात्री व्यक्ति जीवन के कईं पहलूओं को स्पर्श करती हैं। कला-संस्कृति-धर्म-अध्यात्म-तपस्या-पूजा एवं आरोग्य को नियंत्रित करने वाले हमारी सांस्कृतिक विरासत को प्रकट करने वाले उत्सव की सहस्रकोटि शुभकामनाएँ..!
आपका ThoughtBird. 🐣
Dr.Brijeshkumar Chandrarav
Gandhinagar,Gujarat.
INDIA
dr.brij59@gmail.com
+919428312234
very good
👌 ખૂબ સરસ. જય માતાજી.