Bloom more..!

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 Bloom where You are planted.

आपने स्थान पर रहकर अपनी योग्यता दिखाएं।

रंगोत्सवस्य शुभाशया:

रंगो का एक अलग विश्व हैं। इन रंगों ने सारें संसार को खूबसूरती दी हैं। हमारें भीतर भी जो खुबसूरत लम्हों का उमडना रंगों का ही एक प्रकार हैं। जीवन के भी रंग होते हैं। एक बात तय हैं, रंग बडे प्यारे होते हैं। हरेक रंग का अपना निजी सौंदर्य हैं। गुल मिल जाना, बिखर जाना रंगों का स्वभाव हैं। एक रंग दूसरें रंग में मिलकर एक ओर रंग बनाता हैं। संसार की इस रंगभूमि को शत शत वंदन !!


भारत वर्ष में मनायें जाने वाला ये होली का उत्सव कई सत्यापन को प्रेषित करता हैं। जीवन के रंगों की बात को भी स्पर्श करता हैं। होली उत्सव के साथ जीवनदृष्टि भी हैं। समस्त मानव समाज के लिए एक उत्साह का माहौल हैं ये बात ठीक हैं। मगर इसके साथ होली जीवन को बडी प्रबुद्धता से समझने का उत्सव भी हैं। उत्सव से उल्लास उमंग झुडा है, ये सही बात हैं। मैं समझता हूं उत्सव से जीवन झुडा है। उत्सव से मानवीय संवेदना जुडी हैं। इस उत्सवों से हम अपनी योग्यता समझ सकते हैं। समाज जीवन में उत्सव शायद इसी कारण मनाएं जाते है।

हमें किस स्थान पर अंकुरित होना हैं ?

हमें जीवन कौन से रंग से सजाना हैं ?

या रंगो की लाजवाब परख कैसे करनी हैं ?

रंगों का तादृश्य मेल जहाँ उत्कृष्ट दिखाई पडे, ऐसा कोई चरित्र इस संसार में हैं ? हां राधाकृष्ण। कृष्ण राधा का चरित्र रंगों का तादृश्य सौंदर्य प्रकट करने वाला हैं। यहां प्रेम के सुनहरे रंग भी हैं। जैसे पानी सभी रंगों को सहज ही धारण करता हैं। अपने खुद का रंग न होने के बावजूद पानी सबरंग बन जाता हैं। कृष्ण ऐसा सबरंग हैं। कृष्ण प्रेम हैं और प्रेम का रंग ही सबसे उपर हैं। रंगोत्सव की बात हो और कृष्ण और राधा की बात न हो, ये हो ही नहीं सकता।


रंग की बात हैं, तो हमें अपने जीवनरंग को पहचानना हैं। अपने भीतर के उत्कृष्ट रंग को पहचानकर संसार में बिखेरना हैं। ईश्वर इस रंगभरी दुनिया के राजा हैं। उनको चेहरे पर कौन-से रंग से हम मुस्कान ला सकते हैं। ये हमें ही सोचना हैं। where we will want to grow ?


फिर एक बार ओर रंगोत्सव के साथ जीवन की सर्वोतम फिलसूफी को अपने भीतर प्रकट करने हेतु…मंगलमय प्रार्थना !!


आपका ThoughtBird. 🐣

Dr.Brijeshkumar Chandrarav.

Gandhinagar, gujarat.

INDIA.

dr.brij59@gmail.com

9428312234.

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