The Gujarat’s Great Day.
Ravishankar DADA was messenger of MAHATMA GANDHI.
हमारे राज्य की आज ६३ मी वर्षगांठ हैं। १ मे १९६० को मूक सेवक,गांधी मार्ग पर चलने वाले रविशंकर महाराज ने अपने भाषण में बहुत ही संवेदना से भरी बात रखी थी। गुजरात की प्रजा को नजदिकता से पहचानने वाले एवं लोगो के बीच पूरा जीवन व्यतीत करने वाले दादाने अपनी अनुभव मुद्रा को प्रकट करते हुए गुजरात के कल का बीज बोया था। गांव की, मजदूर एवं किसान की, कसबी-कलाकार की वेपार वाणिज्य की और सागरीय नाविकों की अद्भुत कुशलता को याद किया था।
“लोकशाशन की चाबी लोकशिक्षा हैं।” ऐसा उत्कृष्ठ मंत्र पू. दादा ने दिया हैं। सबके साथ चलने की बात में ही हमारी प्रगतिशीलता हैं। उनकी एक छोटी सी बात लिखता हूँ। “घास के एक तिनके में कितना बल होता है ?? बहुत ज्यादा तिनके इकठ्ठे करें फिर भी पवन का एक झोंका उडा देगा। लेकिन उस तिनकों से बनी रस्सी से हाथी जैसे महाकाय प्राणी को बाँध सकते हैं। हाथी को बांधने का बल तिनके में आया कहाँ से ?? हमें एक दूसरें के साथ प्रेम से जुड़े रहने का संकल्प पू.महाराज ने दिया हैं। उन संकल्पबल को धारण किए बिना क्या हम पूर्णता को प्राप्त कर पाएग़ें क्या..?! पू.महाराजजी को शत शत नमन !!
हमारा राष्ट्र सांस्कृतिक विरासत से एवं विविधता से भरा हैं। भारत के सभी भू भाग की अनूठी विशेषताएँ हैं। खान-पान,रहन-सहन,भाषा-बोली सब अलग अलग साथ ही भौगोलिक विविधा भी..! फिर भी हम एकत्व के मूलमंत्र को अपनी साँसों में बसाएं !! एक राष्ट संकल्प के अनुसरण में जी रहे हैं। विश्व को मार्गदर्शन करने का हमारा ईश्वरीय सामर्थ्य बनाए हुए अडिग हैं। हमारे भारत की इस भीतरी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने की एवं सत्यापन की संकल्पबद्धता के अनुसरण में दायित्वबोध की आवश्यकता हैं क्या ?! हमारे भारतवर्ष को कौन करेगा ये बोध ?!
मैं आप और हम..!!
आनंदविश्व सहेलगाह में ऐसे सहज अनुसरण की बात रखकर कर्तृत्व आनंद महसूस कर रहा हूँ। जय जय गरवी गुजरात…!!
Your ThoughtBird 🐣
Gandhinagar.
Gujarat INDIA
dr.brij59@gmail.com
09428312234