The Dreamers.

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 The Dreamers can change the world.

I’m definitely believe and you ??


The Dreamers

आशाएं-उम्मीदें-सपनें- पागलपन ये सब एक ही दिशा में दौडने की बात करते हैं। कितना बडा विश्व और कितने सारे लोग ?!! सबके अलग सपनें और सबकी अपनी दौड, सबका अपना-अपना पागलपन !! वैसे तो पागलपन एक बिमारी कहलाती हैं। फिर भी पागलपन से ही क्रान्तियाँ हुई हैं।

महान ईश्वर की अद्भुत योजना में मनुष्य के मन-मस्तिष्क के बारें में  No Repeat Theory कायम हैं। तुंडे तुंडे मतिर्भिन्न: यानि सब अलग है। Men are unique. समय के कदमों में नित नयापन जंकृत होता रहा हैं। अचंभितता से भरी सृष्टि में हम सब इस हेरतअंदाजी से चकित हैं।

इन्हीं पृथ्वी पर कोई नए सपनें देखता हैं। उसे पूरा करने का अथक प्रयास करता हैं। किसीके सपनों की उडान त्वरा से गति पकडती हैं। कोई सपनों के पीछे बहुत भागता हैं। आखिर वो सच तो होते ही हैं। ये सपनों वाली बात सबसे टेढी होती हैं। दुनिया को समझने में, इस सृष्टि की व्यापकता को पहचानने में हम अच्छी तरह से सो नहीं पाते। और हमें अपने सपनों से दूर होना पडता हैं। वैसे तो सपनें पिछा न छोडने वाली अमीरात हैं। निंद में ओर जागतिक स्थिति में भी वो हमारे साथ ही रहते हैं। एक बार सपनें को बारीकी से संवारना होगा। ममत्व की पराकाष्ठा से संभालना होगा। व्यक्तिगत रूप से कोई लाभ न होने के बावजूद सपनें को सजाना और सहज कर्म समज कर सृष्टि में समर्पित करना होगा।
इस दुनिया में कई सपनों के सौदागर आए हैं, पागलपन से जीवनभर सपनों को सच करने की चाहत रखकर दमदार जी कर चले गए। आज भी उनके सपनों की खैरात से हम खुश हैं।

आनंदविश्व सहेलगाह ऐसे सपनों में जीने वाले लोगों से संवितरित होना चाहता हैं। विचार के बीज से संसार को नई अवधारणा दे कर, उस दिशा में चलने वाले लोंगों के काफिले को आनंद का अमर्याद खजाना मिले। वो आनंदमन की अविस्मरणीय पलों के साक्षी बनते रहे। महान ईश्वर क्या यहीं चाहते होंगे क्या ? 

बिल्कुल मेरा विश्वास बरकरार हैं…क्योंकि ईश्वर ही प्रेमस्रष्टा हैं।
Your ThoughtBird Dr.Brijeshkumar
Gandhinagar, Gujarat.

INDIA 09428312234.

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