Happiness with KITES.
उमंग और उत्साह से भरा त्योहार.. उत्तरायन..!!
मनुष्य सहज ही आनंद प्रिय हैं। ये हमारी मूलभूत सोच हैं। सारे विश्व में मनुष्य उत्सव इसीलिये मना रहे हैं। ईस धरातल पर विभिन्न संस्कृतियाँ विद्यमान हैं। सभी संस्कृति की मूलभूत विरासत उत्सव हैं। उत्सव आनंद-उमंग-उत्साह को प्रेरित करता हैं। भारतभूमि तो उत्सवों की रसखान हैं। यहां हरपल उत्सव हैं। यानि की हमें उत्सव से जीने के अंदाज में कुछ नवीनतम बदलाव का अहसास मिलता हैं। ये संपूर्ण सर्वर्विदित बात हैं।
मकरसंक्रांति- उत्तरायन-पतंगोत्सव जो मन में आए कहो। मुझे बात करनी है सिर्फ पतंग की..!! रंगबिरंग, छोटे-बडे,आकार वैविध्य से भरे। कागज और बांस के मेल से बनी पतंगे। पतली सी डोर से बंधी पतंगे। आसमान को छूने का प्रयास करती पतंगे। उडाने वाले और देखने वाले दोनों को पागल करती पतंगे। कोई बीच में ही कट जाती, कुछ दूर चली जाती पतंगे। कोई छटपटाहट भरें कोई धीर गंभीर बनके टहलती हुई पतंगे। कितनी सूनाए ईस छोटे से पतंग के बारें में…!!
हम सब एक छोटी पतंग ही हैं। हमें भी उडना हैं, बहुतदूर तक उड़ान भरनी हैं। खुले आसमान में हमें भी अपने करतब दिखाते हुए सबको आनंदित हुआ देखना हैं। किसी के चेहरे पर आनंद की फुहार देखना भी ईश्वरीय स्पर्श महसूस करने जैसा हैं।
महान ईश्वर सारे विश्व के मनुष्यों को अपनी मन बुद्धि के मुताबिक कुछ आनंद क्षेत्र खोजने और जीने के अवसर प्रदान करते हैं। विश्व में उत्सवों का अवतरण इसी आनंद प्राप्ति की खोज के कारण हुआ हैं। इश्वर ने मनुष्य के निर्मित नैमित्ति से ही उत्सव निर्माण किए हैं।
आनंदविश्व की सहेलगाह में ये उत्सव हमें जोश देंगे। नया उमंग और उत्साह देंगे। ” यू हीं तो उत्सव हैं तो उत्साह है ” जीवन को बेहतरीन पतंग सा जीना हैं। बंधन होने के बावजूद थोडी सी उड़ान का आनंद लेना हैं। पतंग सी रंगत को धारण करके…विशाल आकाश में…कई रंगभरें दोस्तों के साथ बस मनभर के उड़ान के मजे लेने हैं…आखिर मैं और आप भी सम्मिलित हैं..!! ईश्वरीय संभावनाए भरे विश्व में !!
आनंदविश्व सहेलगाह के वैचारिक कदम उठाकर आपके साथ Your ThoughtBird डॉ.ब्रजेशकुमार
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Gandhinagar,Gujarat
INDIA.